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श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी जीवन परिचय

श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी जीवन परिचय - Shri Atal Bihari Vajpayee Life And Biography

दोस्तों, पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी भारत माता के एक ऐसे सपूत हैं, जिन्होंने स्वतंत्रता से पूर्व और पश्चात भी अपना जीवन देश और देशवासियों के उत्थान एवं कल्याण हेतु जीया तथा जिनकी वाणी से असाधारण शब्दों को सुनकर आम जन उल्लासित होते रहे और जिनके कार्यों से देश का मस्तक ऊंचा हुआ. मघ्य प्रदेश के ग्वालियर में एक ब्राह्मण परिवार में 25 दिसंबर, 1924 को इनका जन्म हुआ. पुत्रप्राप्ति से हर्षित पिता श्री कृष्ण बिहारी वाजपेयी को तब शायद ही अनुमान रहा होगा कि आगे चलकर उनका यह नन्हा बालक सारे देश और सारी दुनिया में नाम रौशन करेगा.

इन्होंने ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज - जो अब लक्ष्मीबाई कॉलेज कहलाता है - में तथा कानपुर उ. प्र. के डी. ए. वी. कॉलेज में शिक्षा ग्रहण की और राजनीति विज्ञान में एम. ए.की उपाधि प्राप्त की. सन् 1993 मे कानपुर विश्वविद्यालय द्वारा दर्शन शास्त्र में पी.एच डी की मानद उपाधि से सम्मानित किए गए.

भारतीय स्वातंत्र्य-आंदोलन में सक्रिय योगदान कर 1942 में जेल गए. वाजपेयी जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सक्रिय सदस्य और सन् 1951 में गठित राजनैतिक दल ‘भारतीय जनसंघ’ के संस्थापक सदस्य थे. सन् 1966-67 सरकारी प्रत्याभूतियों की समिति के अघ्यक्ष, सन् 1967 से 70 तक लोक लेखा समिति के अघ्यक्ष रहे. सन् 1968 से 73 तक वे भारतीय जनसंघ के अघ्यक्ष थे. सन् 1975-77 के दौरान आपातकाल में बंदी रहे. 1977 से 79 तक भारत के विदेश  मंत्री, सन् 1977 से 80 तक जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य, सन् 1980-86 भाजपा अघ्यक्ष, सन् 1980-84 , 1986 तथा 1993-96 के दौरान भाजपा संसदीय दल के नेता रहे. सन् 1957 में दूसरी लोकसभा के लिए प्रथम बार निर्वाचित हुए. तब से 2004 में 14वीं लोकसभा हेतु हुए संसदीय आम चुनाव तक ये  उत्तर प्रदेश  में लखनऊ से प्रत्याशी  होकर निर्वाचित होते रहे. सन् 1962-67 और 1986-91 के दौरान आप राज्य सभा के सम्मानित सदस्य थे और सन् 1988 से 89 तक सार्वजनिक प्रयोजन समिति के सदस्य. ये  सन् 1988-90 में संसद् की सदन समिति तथा व्यापारिक परामर्श समिति के सदस्य रहे. सन् 1990-91 में याचिका समिति के अघ्यक्ष बने और सन् 1993 से 1996 तक तथा 1997 -98 में विदेश नीति समिति के अघ्यक्ष रहे. सन् 1993-96 और 1996-97 में  लोक सभा में प्रतिपक्ष के नेता थे.

सन् 1999 में लोक सभा में भाजपा संसदीय दल के नेता और सन् 2004 में भाजपा और एनडीए संसदीय दल के अघ्यक्ष रहे.

भारत के बहुदलीय लोकतंत्र में ये  ऐसे एकमात्र राजनेता हैं, जो प्रायः सभी दलों को स्वीकार्य रहे. इनकी  विशेषता  के कारण ये  16 मई, 1996 से 31 मई, 1996 तथा 1998 - 99 और 13 अक्तूबर, 1990 से मई, 2004 तक तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे. भारत की संस्कृति, सभ्यता, राजधर्म, राजनीति और विदेश नीति की इनको  गहरी समझ है. बदलते राजनैतिक पटल पर गठबंधन सरकार को सफलतापूर्वक बनाने, चलाने और देश को विश्व में एक शक्तिशाली गणतंत्र के रूप में प्रस्तुत कर सकने की करामात इन जैसे करिश्माई नेता के बूते की ही बात थी. प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल में जहां इन्होंने पाकिस्तान और चीन से संबंध सुधारने हेतु अभूतपूर्व कदम उठाए वहीं अंतर राष्ट्रीय दवाबों के बावजूद गहरी कूटनीति तथा दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करते हुए  पोकरण में परमाणु विस्फोट किए तथा कारगिल-युद्ध जीता.

राजनीति में दिग्गज राजनेता, विदेश नीति में संसार भर में समादृत कूटनीतिज्ञ, लोकप्रिय जननायक और कुशल प्रशासक होने के साथ-साथ ये  एक अत्यंत सक्षम और संवेदनशील कवि, लेखक और पत्रकार भी रहे हैं. विभिन्न संसदीय प्रतिनिधिमंडलों के सदस्य और विदेश मंत्री तथा प्रधानमंत्री के रूप में इन्होंने  विश्व के अनेक देशों की यात्राएं की हैं और भारतीय कुटनीति तथा विश्वबंधुत्व का घ्वज लहराया है. राष्ट्र धर्म (मासिक), पाञ्चजन्य (साप्ताहिक), स्वदेश (दैनिक), और वीर अर्जुन (दैनिक), पत्र-पत्रिकाओं के आप संपादक रह चुके हैं. विभिन्न विषयों पर इनके द्वारा  रचित अनेक पुस्तकें और कविता संग्रह प्रकाशित हैं.आजीवन अविवाहित, अद्भुत व्यक्तित्व के घनी श्री वाजपेयी पढ़ने -लिखने, सिनेमा देखने, यात्राएं करने और खाना पकाने-खाने के शौकीन हैं. देश की आर्थिक उन्नति, वंचितों के उत्थान और महिलाओं तथा बच्चों के कल्याण की चिंता उन्हें हरदम रहती है. राष्ट्र सेवा हेतु राष्ट्रपति द्वारा पद्म विभूषण से अलंकृत श्री वाजपेयी 1994 में लोकमान्य तिलक पुरस्कार और सर्वोत्तम सांसद के भारतरत्न पंडित गोविन्द बल्लभ पंत पुरस्कार आदि अनेक पुरस्कारों, सम्मानों से विभूषित तथा सम्मानित हैं. कई प्रतिष्टित संस्थाओं-संगठनों और समितियों के आप सम्मानित सदस्य हैं.

भारतीय राजनीति में ऐसे काफी कम नेता हैं जिन्होंने निस्वार्थ होकर हमारे देश को अपनी सेवाएं दी हुई हैं और इन्हीं महान नेताओं में से एक नाम वाजपेयी जी का भी है. इन्होंने अपने जीवन काल में केवल अपना देशधर्म ही निभाया है और इसी की वजह से इनका सम्मान हर किसी के द्वारा किया जाता है.

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Aditya Pandey is a well-known Indian Blogger, SEO Expert, and YouTuber. He is the founder and CEO of MyDigital Crown, a Digital Marketing Company that provides Digital Marketing Services, SEO
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